भुगतान समस्या
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कमल भाई समस्या क्या है यह सबको दिख रही है लेकिन उस समस्या का मूल क्या है और उसके समाधान की पद्धति क्या है इसे जबतक समझेंगे नहीं तबतक पीड़ित रोते रहेंगे।
कोई सुझाव देता है रास्ता नहीं बदलें, यह सुझाव गलत है, कभी कभी रास्ते को रुककर जाँच लेना चाहिए कहीं रास्ता विपरीत दिशा में न जा रहा हो..
और यदि रास्ता गलत हो तो उसे बदल देना ही उचित होता है मंजिल तक पहुँचने के लिए.
हमारी भुगतान समस्या का मूल हमारी जड़ता और मूर्खता है यदि हम एकजुट हो जाएं तो यही समस्या जो दशकों से खत्म नहीं हो रही वह पलभर में खत्म हो जायेगी.
हमें जागरूकता को बढ़ाना चाहिए संगठन से और ज्यादा साथियों को जोड़ना चाहिए ताकि हम अपने शत्रुओं से ज्यादा शक्तिशाली बन सकें उनपर जीत प्राप्त कर सकें.
दुर्भाग्य से हमारे साथी शक्ति संकलन न करके जल्दबाजी में अपनी शक्ति को और कमजोर कर लेते हैं.
यह जल्दबाजी ही हमारी विफलता का समस्या का मूल कारण है..
गाँधी जी ने जो मंत्र दिया हम उसपर चल ही नहीं पा रहे, कई मूर्ख तो स्वयं को गाँधी से ज्यादा ज्ञानी मानते हैं. टूटना समस्या का समाधान नहीं है मेघवाल साहब, जुड़ना और जोड़ना समस्या का समाधान है.
मै बार बार कहता हूँ आपके समक्ष जो शत्रु हैं जिनसे आपको लड़ना है वह बहुत ज्यादा शक्तिशाली तो हैं ही बहुत ज्यादा कपटी और दुष्ट भी हैं.
जबतक आप इसे समझकर अपनी रणनीति नहीं बनाएंगे और उसे क्रियांवित नहीं करेंगे तबतक जीतने का प्रश्न ही नहीं उठता.
ईश्वर भी उन्ही की सहायता करते हैं जो सहायता का महत्व समझते हैं और सहायता के पात्र होते हैं.
आप सबके साथ साथ स्वयं ईश्वर चल रहे हैं लेकिन आप हैं कि सब ओशो यानी ईश्वर से भी बड़े बने हुए हैं और यह समझ ही नहीं पा रहे कि यह लड़ाई इतनी सरल नहीं है जिसे चंद लोग बिना बड़े संगठन के जीत सकें..
जीवन शेष है समर शेष है तो संयम के साथ अपनी शक्ति को बढ़ाओ. जिस दिन आप यह कर लोगे भुगतान हो जायेगा.
अनियमित जमा योजनाएं पाबन्दी कानून आपकी शक्ति को बढ़ाने का साधन है इसके उपयोग से आपको कानून का शासन का संरक्षण मिल जाता है आपकी लड़ाई पर जीत की मुहर लग जाती है. जब आप बडस एक्ट के हथियार को लेकर आगे बढ़ते हैं तो शासन वचनबद्ध हो जाता है आपका भुगतान करने के लिए. वचनों का अपना महत्व होता है जिसे समझना भी बड़ा जरूरी है. हम किसी को अपने पक्ष में वचनवद्ध कर लेते हैं तो इससे हमारी ताकत बढ़ती है और जब शासन वचनवद्ध हो जाता है तो उसे देर सबेर वह करना ही पड़ता है जो कानून में लिख दिया जाता है.
लोकतंत्र में चुनाव एक स्वर्णिम अवसर होता है जनता के लिए वह चाहे तो इस अवसर का लाभ उठाकर अपनी मांग पूरी करवा सकती है.
हम इस अवसर का सदुपयोग नहीं कर पा रहे. कितने ठगी पीड़ित हैं देश में जो अपना वोट भुगतान के विषय पर करते हैं!