सेवा में,
महामहिम राष्ट्रपति महोदय,
भारत गणराज्य नई दिल्ली 110011
विषय :- ठगों द्वारा जमाकर्ताओं /निवेशकों के धन से प्राप्त सम्पत्तियों को धोखाधड़ी से बेचने और भारत सरकार एवं राज्यों द्वारा ठगी के शिकार बने निवेशकों के जमाधन की सुरक्षा के लिए बनाये गए भुगतान की गारंटी के कानून अनियमित जमा योजनाएं पाबंदी अधिनियम 2019 (Buds Act 2019) की अनुपालना न करने के संदर्भ में शिकायत।
महोदय,
आपके संज्ञान में लाना है कि संसद एवं आपके द्वारा अधिनियमित उपरोक्त कानून बड्स एक्ट 2019 में प्रावधान किया गया है कि राज्य ठगों द्वारा चलाई गई जमा योजनाओं में फंसे धन को निवेशकों को वापस दिलाने के लिए केंद्र एवं राज्यों में सक्षम प्राधिकारियों की नियुक्ति करेंगे और यह सक्षम एवं सहायक सक्षम अधिकारी ठगी पीड़ितों से आवेदन लेकर ठगों की चल अचल सम्पत्तियों को कुर्क एवं नीलाम करके बड्स एक्ट 2019 के अंतरगत त्वरित न्यायालयों के माध्यम से 180 दिन में आवेदकों की जमाराशि का दो से तीन गुणा भुगतान करेंगे।
उपरोक्त अधिनियम 21 फरवरी 2019 से लागू किया गया है और इसे प्राइज चिट्स एन्ड मनी सर्कुलेशन स्कीम्स बैनिग एक्ट 1978 के साथ उन सभी कम्पनीज एवं सोसाइटीज पर लागू किया गया है जो जमा योजनाएं चलाकार नागरिकों से उनकी गाढ़ी कमाई को लूट लेती हैं और जनता के जमाधन को वापस नहीं करतीं । Cont….. 2
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महोदया आपको बताते हुए दुःख हो रहा है कि देश की सबसे बड़ी ठग कम्पनी सहारा समूह की चल अचल सम्पत्तियों को ठगों द्वारा सरकार की मिलीभगत से खुर्द बुर्द किया जा रहा है यानी बेचा जा रहा है जबकि यह प्रॉपर्टीज आम जनता निवेशकों के धन से बनाई गई हैं। बड्स एक्ट 2019 के अनुसार इन प्रॉपर्टीज की बिक्री या व्यापार से प्राप्त धन पर पहला अधिकार उन निवेशकों का है जिन्होंने सहारा समूह की जमा योजनाओं में निवेश किया था। आज के अनेक समाचार पत्रों एव न्यूज़ चैनल्स में खबर चल रही है की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित सहारा अस्पताल को करीब 1000 करोड़ रूपये में मैक्स हेल्थ केयर नाम की कम्पनी को बेच दिया गया है अधिग्रहीत कर लिया गया है जो निवेशकों के साथ धोखा है और बड्स एक्ट 2019 का घोर उललंघन भी है।
महोदया सहारा समूह की निवेशकों के धन से प्राप्त सम्पत्तियों की बिक्री केवल एक उदाहरण है सच यह है कि बड्स एक्ट 2019 के अंतरगत व् अन्य कानूनों द्वारा प्रतिबंधित की गईं तीन लाख से ज्यादा ठग कम्पनीज एवं ठग क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटीज की निवेशकों के धन से प्राप्त सम्पत्तियों को इसी तरह ठग सरकार की मिलीभगत से समूचे देश में बेच रहे हैं और सरकार में बैठे लोग ठगों से कमीशन या कहें सुविधा शुल्क रिश्वत लेकर कानून को ठेंगा दिखा रहे हैं जो भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।
देश में करीब 42 करोड़ लोग इन प्रतिबंधित कम्पनीज की योजनाबद्ध ठगी का शिकार बने हैं और जनता की परिश्रम से प्राप्त पूँजी का लगभग 20 लाख करोड़ रुपया इन पोंजी स्कीम्स चलाने वाली डिफॉल्टर कम्पनीज या सोसाइटीज में फंसा है जिसे वापस करने की गारंटी बड्स एक्ट 2019 में सरकार ने ली है या कहें संसद द्वारा सरकार को भुगतान की जिम्मेदारी दी गई है।
सरकार की बदनीयती और लापरवाही के कारण राज्य एवं केंद्र समुचित रूप से उपरोक्त संसदीय कानून को क्रियान्वित करने में विफल हो रहे हैं और ठगी पीड़ितों का भुगतान नहीं कर रहे जिससे करोड़ों ठगी पीड़ितों में असंतोष घबराहट एवं तनाव बढ़ रहा है और इस कारण लाखों पीड़ित अबतक आत्महत्या कर चुके है। आज ही बीकानेर राजस्थान में एक पुलिसकर्मी ने ठगी का शिकार बन जाने के कारण पुलिस चौकी में आत्महत्या कर ली है। इससे पहले बाइकबोट टैक्सी स्कैम में ठगी का शिकार बन जाने के कारण हजारों सैनिकों ने आत्महत्या कर ली थी। Cont ……..3
ठगी का शिकार बने नागरिकों का इस तरह आत्महत्या कर लेना, पीड़ितों का भुगतान न होना, बड्स एक्ट 2019 का क्रियान्वयन न करना राज्य और विधि के शासन पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
अतः आपसे और आपके साथ साथ प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, समस्त मुख्यमंत्रियों, सभी सांसदों एवं प्रशासनिक अधिकारीयों पुलिस ऑफिसर्स से भी अनुरोध है कि इस अन्याय को कानून के उललंघन एवं दुरूपयोग को रोकें अन्यथा देश के ठगी पीड़ित परिवार आपकी सरकार एवं संसद के विरुद्ध आगामी 30 जनवरी 2024 से एक अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास और समस्त मुख्यमंत्रियों, सांसदों एवं जिला अधिकारीयों के आवास और कार्यालयों पर करेंगे और आप सबके लिए बेईमानी से शासन चलाना असंभव करके देश को ठगमुक्त एवं बेईमान रहित राष्ट्र राज्य के रूप में स्थापित करते हुए ठग एवं बेईमानों को मृत्युदंड की व्यवस्था करवाएंगे।
आपका शुभेच्छु
मदन लाल आज़ाद
संस्थापक संयोजक
ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार (तपजप)