🌷क्या है मिशन भुगतान🌷

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🌞प्रण तो लेना होगा जीवन चाहिए तो🌞

केवल पत्रकारिता, राजनीति, न्यायपालिका, शासन और बुद्धिजीवियों ने ही अपना विश्वास नहीं खोया अधिकांश धार्मिक  सामाजिक सांस्कृतिक संगठन समेत आम आदमी व्यावसायिक और नौंकरशाह भी अपना विश्वास खो चुके हैं। कोढ़ में खाज वाली भयावह स्थिति उन आंदोलनकारी और ट्रेड यूनियनों व्यापारिक और किसान संगठनों ने पैदा कर दी है जो या तो ठगों के समक्ष आत्म समर्पण कर चुके हैं या स्वयं ही ठगी के धंधे में लिप्त हो गए हैं। जनसाधारण, साधु सन्यासी, पीर फकीर मौलाना पादरी संत महंत ग्रंथी भंते भिक्षु शिक्षक और कर्मचारी समेत संपूर्ण व्यवस्था द्वारा राष्ट्र का विश्वास खो देना केवल धंधेबाज बन जाना पेट पालक बन जाना उस महाप्रलय के संकेत हैं जिसे तपजप के अतिरिक्त कोई रोक नहीं सकता। 
आवश्यकता है अब हम सब जो कहीं न कहीं कभी न कभी ठगी का शिकार बने हैं स्वपीड़ा को निरंतर याद करें और ठगी का बदला ठगी से न लेकर या कहें अपने साथ हुई ठगी की भरपाई ठगी से न करके ईमानदारी का सत्य के मार्ग का अनुसरण करें और समूचे राष्ट्र को बचाएं।। 
खतरा बहुत बड़ा है समूचे राष्ट्र का अस्तित्व भविष्य अंधकार में डूबने वाला है, ठगों के विरुद्ध आपने अपने ह्रदय में मन में क्षोभ क्रोध वितृष्णा पैदा न की तो न हम बचेंगे न हमारे परिजन न प्रियजन न हमारा पावन पवित्र भारतवर्ष।
घर फूंक तमाशा देखने का मंत्र जिसने भी दिया होगा संभवतः इसी संक्रमण काल (समय) के लिया दिया होगा। संक्रमण इतना बढ़ चुका है कि सबके सब अपना आत्मविश्वास खो चुके हैं, सब एक दूसरे को धोख़ा दे रहे हैं ठगी कर रहे हैं न किसी को सत्य पर भरोसा रहा है न ईश्वर पर न परिश्रम पर न स्वयं पर न संगठन पर।। ठगी धोख़ा और जल्दबाजी का यह नशा सबको अपनी गिरफ्त में ले चुका है जो बड़ा भयावह विकराल रूप लेकर राष्ट्र को निगलता जा रहा है।। 
अब समय आ गया है घर फूंक तमाशा देखने का या कहें हिंदुस्तान को बचाने के लिए तपस्या का प्रार्थना का यानी तपजप का।। 
सच कहने का सच को स्वीकार करने का, ठगों से लड़ने का, ठगों के उन्मूलन का बल साहस बुद्धिमत्ता कुशलता आपको मुझको सबको वही आदित्य दे सकते हैं जिन्होंने असत्य को मोह को तृष्णा को अधर्म को मूर्खता को रावण को कंस को दुर्योधन को भीष्म को द्रोणाचार्य को कर्ण को मारने का बल राम को कृष्ण को वाल्मीकि को महावीर को बुद्ध को यीशु को मोहम्मद् को रैदास को कबीर को नानक को दिया था।। 
मिशन भुगतान कोई सरल मार्ग नहीं है इसपर चलने के लिए सबका भुगतान सुनिश्चित करने के लिए हिंदुस्तान को ठगमुक्त बेईमान रहित राष्ट्र बनाने के लिए जो त्याग तपस्या और प्रार्थना नहीं कर सकेंगे केवल कमाने या पेट पालन की व्यवस्था में संलिप्त रहेंगे वह सब मारे जाएंगे कोई नहीं बचेगा।। 
इसलिए जिन्हें राष्ट्र से प्रेम है स्वयं से प्रेम है अपने परिजन प्रियजन से स्नेह है वह सब त्याग तपस्या और प्रार्थना के त्रिसूत्र पर विश्वास करें और संयम के साथ सत्य के मार्ग पर आगे बढ़ें निसन्देह हम 30 जनवरी को जीत जाएंगे और स्वयं को राष्ट्र को परिवार को धर्म को अपनी मेहनत से प्राप्त पूंजी और सम्मान को बचा लेंगे।। 
ध्यान रखना साथियो यदि हम त्रिसूत्र का पालन नहीं कर सके संयम को हथियार नहीं बना सके तो कोई भी कानून कोई भी शासन कोई भी संगठन कोई भी उपदेश कोई भी पीर पैगंबर देवी देवता कोई भी छल कोई भी परिजन कोई भी  उपाय कोई भी मान्यता कोई भी महापुरुष न हमें बचा सकेगा न हमारे धन को न जीवन को न सम्मान को न राष्ट्र को न समाज को और यदि मात्र सौ भारतीय आत्मनिर्भर भारतीय ईमानदार भारतीय राष्ट्र को ठगों के खूनी पंजों से मुक्त कराने के इस मिशन भुगतान में समर्पण भावना के साथ उतर गए गए तो ठग कितने ही प्रबल क्यों न हों हम उनके चक्रव्यूह को भेदकर भुगतान भी लेंगे सम्मान भी पाएंगे और देश को भी बचा लेंगे।।

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