जो भगवान् भी थे और राजा भी साथ में एक बड़े राष्ट्र के आदर्श भी, उन राम की जन्मभूमि पर उनका मन्दिर बनने में 500 साल लग गए, लाखों जाने अनजाने भक्त राजनेता आचार्य बलिदान हो गए, हजारों करोड़ रुपया खर्च हो गए तब जाकर रामजन्म भूमि पर मन्दिर का निर्माण हुआ और उसके गर्भग्रह में रामलला विराजमान हो सके।।
कण कण व्यापी भगवान् राम के मन्दिर का निर्माण जहाँ इतना कठिन रहा हो संघर्ष से परिपूर्ण रहा हो वहाँ ठगों से लड़ाई कितनी कठिन होगी इसका अनुमान तो आज के प्राण प्रतिष्ठा राम महोत्सव को देख कर ही लगा लेना चाहिए सब साथियों को, केंद्र एव्ं राज्य में सरकार होने के पश्चात भी भाजपा इतना साहस नहीं जुटा सकी की उस महोत्सव से ठगों को दूर रख सके जिसका स्वपन देखते देखते उसके पूर्वज ठठरी बन गए मर गए।
इतना लंबा लेख मैं इस अवसर पर देश के 42 करोड़ ठगी पीड़ितों के लिए खासकर उनके लिए लिख रहा हूँ जो यह समझते हैं घर बैठे उनका पैसा उन्हें वापस मिल जायेगा या टपका लपका जैसे ठग या कोई सरकार सरलता से उनका जमाधन वापस कर देंगे।।
जैसे अयोध्या जी में राम मन्दिर बना है वैसे ही पैसा मिलेगा आपका भी लेकिन उसके लिए आप सबको भी पहले ठगों का अंत करना होगा, ठगों से नफरत करनी होगी, राम मन्दिर के निर्माण में कितनी कठिनाई आई हैं जबकि सत्ता से लेकर धन पशु तक मन्दिर निर्माण के पक्ष में थे, धन की जन की ताकत की कहीं कोई कमी नहीं थी सबकुछ था फिर भी मन्दिर निर्माण के लिए शुभ घड़ी की प्रतीक्षा सेकडों वर्ष करनी पड़ी।
हमारेे ठगी पीड़ित भाई बहिनों को प्रतीक्षा कह दो संयम कह दो तो वह लड़ना भूल जाते हैं लड़ना छोड़ देते हैं और ऐसे लोगों के साथ हो लेते हैं जो ठग ही होते हैं या ठगों के दलाल।।
साथियो ठगों से लड़ाई राम मन्दिर निर्माण ही नहीं आजादी की लड़ाई से भी कहीं ज्यादा कठिन और भयावह थी जिसे अब आप जीत चुके हो एक विशेष युक्ति से किंतु ऐसा प्रतीत होता है आप में से ज्यादातर लोग जीती हुई लड़ाई को हार जाना चाहते हो अपनी ही उदासीनता और लापरवाही के कारण।।
भुगतान की बेला पर आकर आपमें से ज्यादातर साथी या तो सो चुके हैं या फिर दूसरे कार्यों में व्यस्त हो गए हैं जो अशुभ है अनुचित है।।
ठग बेईमानों से संघर्ष और उनपर विजय प्राप्त करके अपना पैसा वापस पाना किसी एक के बूते की बात नहीं है इसके लिए संयम साहस और ज्ञान के साथ साथ संगठन भी चाहिए और तन मन एव्ं धन भी।।
सोचो गंभीरतापूर्वक हमारे आपके पास क्या क्या है! क्या हम तन मन धन से ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन कर पा रहे हैं मिशन भुगतान के लिए ठगमुक्त बेईमान रहित भारत के निर्माण के लिए!
अयोध्या में राम मन्दिर का निर्माण हो वहाँ रामलला विराजमान हों यह स्वप्न देखते देखते करोङों नेत्र बन्द हो गए, लाखों वीर वीरांगना बलिदान हो गए, लाखों ने सामान्य जीवन का स्वाद ही नहीं चखा कुँवारे मर गए कुंवारे रह गए। कितना त्याग कितना तप किया उन एक विशाल राष्ट्र ने तब कहीं जाकर हम सब 22 जनवरी 2024 का वह दिन देख पाए जिसदिन रामलला की प्रतिमा विधि विधान से विराजमान हो सकी अयोध्या में।