🌅🇮🇳🌹🤝अन्य आंदोलन से तुलना करना मिशन भुगतान की मूर्खता है🌹🤝🇮🇳🌅
उस धूर्त का वीडियो सुन लिया होगा आपने अल्पग्य का।
ट्रक ड्राइवर का आंदोलन मामूली आंदोलन है क्या?
ट्रक यूनियन 1960 में बनाई गई थी जब स्वतन्त्रता आंदोलन चल रहा था।
कांग्रेस भाजपा समेत सभी कम्युनिस्ट पार्टीज की अपनी अपनी ट्रक युनियन हैं और जो संयुक्त संघ है ट्रक ड्राइवर का उसके 4 करोड़ पंजीकृत सदस्य हैं, पांच हजार करोड़ रुपये का संचित निधि है उस संघ के पास जिसकी ब्याज से ही लाखों लोगों को सालों भोजन कराया जा सकता है।
आपके पास क्या है!
किसी निवेशक संगठन ठगी पीड़ित संगठन में या सबके मिलाकर भी एक लाख पंजीकृत मेम्बर नहीं हैं, संचित निधि तो एक लाख रुपया भी हमारे किसी संगठन के पास नहीं है।।
13 आदमी को लगातार 7 दिन भोजन करवाने की औकात नहीं है जनांदोलन मोर्चा और टपका लपका गैंग के पास, रोजाना भीख मांगनी पड़ रही है बेचारे शकुनि और शब्द चोर को फिर भी लोग भीख नहीं दे रहे!
दूर से देखकर अंदाजआ मत लगाया करो श्रीमान! अंदर का सच कुछ और होता है बाहर जो दिखता है वह सत्य नहीं होता।
2018 से लगातार आंदोलन कर रहे हैं हम एक दिन का भी अवकाश नहीं लिया है न कभी यह कहा कि कोई सहयोग न करेगा तो हम आंदोलन नहीं कर पाएंगे तब कहीं जाकर अब दस बीस हजार साथी जोड़ पाए हैं जिनमें सब आत्मनिर्भर भी नहीं हैं। बिना किसी राजनैतिक दल बिना किसी धन पशु के बिना किसी से भीख मांगे बिना मुफ्त के भोजन खाये लगातार 6 साल लड़े हैं तब जाकर एक्ट बनवा पाए हैं।
इतना सरल नहीं होता बेईमान सिस्टम से ठगों से लड़ना श्रीमान, न सात्विक आंदोलन भिक्षा में प्राप्त भोजन से खड़ा होता!
ठगी पीड़ितों का आंदोलन ट्रक ड्राइवर या किसानो का आंदोलन नहीं है सर यह वास्तव में व्यवस्था के विरुद्ध आंदोलन है इसकी गहराई सच्चाई को बिना जाने न इसकी किसी से तुलना किया करें न किसी सामयिक आंदोलन को अपना प्रेरणा श्रोत बनाएं।
सामयिक आंदोलन राजनैतिक दल एव्ं धनपशुओं (मीडिया) के दिमाग की उपज होते हैं जैसे अन्ना का आंदोलन, किसान आंदोलन और अब ट्रक आंदोलन इनसे हमारे आंदोलन की तुलना करना व्यर्थ कवायद है। ऐसे प्रायोजित आंदोलन करना अलग बात है वास्तविक आंदोलन करना अलग बात है।
जहाँ प्रायोजित आंदोलनों को सरकार विपक्ष मीडिया सब सहयोग करते हैं वहीं हमारे आंदोलन को यह सब दबाने का काम करते हैं ऊपर से कोढ़ में खाज टपका लपका जैसे गैंग बन जाते हैं जो क्षणिक और निहित स्वार्थ के लिए डरे डराए पीड़ित निवेशकों एव्ं एजेंट्स को अपनी कमाई का श्रोत बनाने के लिए वास्तविक आंदोलन पर झूठे दोष लगाकर हमारे जैसे लोगों का मनोबल तोड़ने का पीड़ितों को भृमित करने का अपराध करते हैं षड्यंत्र रचते हैं।